प्रदूषण ने की दिल्ली की औसत आयु कम, तीन दिन रहने वाले को भी है खतरा

eHindi Times, New Delhi: सोमवार, 14 अप्रैल 2025 को नितिन गडकरी ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है कि सिर्फ तीन दिन दिल्ली में बिताने वाले व्यक्ति को भी किसी न किसी प्रकार संक्रमण होने का खतरा है। चिकित्सा अनुसंधान के मुताबिक प्रदूषण की वजह से दिल्ली में रहने वाले हर एक व्यक्ति की औसत आयु 10 वर्ष कम हो रही है।
प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि दिल्ली और मुंबई को रेड जोन में शामिल कर दिया गया है। दिल्ली और मुंबई में हवा की गुणवत्ता काफी ज्यादा खराब हो चुकी है, जिस कारण हर दूसरे व्यक्ति की सेहत को प्रदूषण संक्रमित होने का खतरा है। गडकरी ने कहा कि "हर बार दिल्ली आने से पहले मैं सोचता हूं कि जाना चाहिए या नहीं, क्योंकि यहां का प्रदूषण भयंकर है"।
गडकरी ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए उन्हें हर रोज प्राणायाम करने की जरूरत पड़ती है। यह प्रदूषण से बचने का बहुत ही साधारण उपाय है। प्राणायाम दिमागी शक्ति को मजबूत करने में सहायता करने के साथ श्वसन तंत्र को भी मजबूत करता है।
फॉसिल फ्यूल को प्रदूषण में बढ़ावा देने का एक अहम कारण माना जा रहा है। वाहनों से निकली गैस और धुआ ही दिल्ली के 40 फीसदी प्रदूषण का स्त्रोत है। हर वर्ष भारत के द्वारा लगभग 22 लाख करोड़ रुपये के जीवाश्म ईंधन (फॉसिल फ्यूल) का आयात किया जाता है, जिससे पर्यावरण को तो नुकसान हो ही रहा है, इसके साथ देश की अर्थव्यवस्था को भी इसकी वजह से भारी बोझ झेलना पड़ता है।
पराली की वजह से हो रहा है प्रदूषण
गडकरी ने पराली जलाने वालों को ध्यान में रखते हुए कहा कि दिल्ली में प्रदूषण का प्रमुख कारण हरियाणा, महाराष्ट्र और पंजाब में जलाई जाने वाली प्रणाली है। इस समस्या का समाधान करने के लिए इन तीनों राज्यों में 400 से ज्यादा बायो-सीएनसी प्रोजेक्ट शुरू किये जा चुके है। इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य हरियाणा, पंजाब और महाराष्ट्र में पराली से होने वाले प्रदूषण को कम करना है।
यातायात से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए उठाए कदम
दिल्ली में प्रदूषण और ट्रैफिक जाम की समस्या से राहत पाने के लिए 12 हजार 500 करोड़ रुपये की परियोजना की घोषणा की गई है। इस परियोजना के तहत अर्बन एक्सटेंशन रोड और द्वारका एक्सप्रेसवे जैसे नए सड़क नेटवर्क शामिल है। सड़क नेटवर्क बढ़ने से यातायात का दबाव कम होगा जिससे ट्रैफिक जाम कम होंगे और प्रदूषण को कम करने में सहायता मिलेगी।
हरियाणा में प्रोजेक्ट जारी, किसानों को होगा लाभ
पानीपत में एक प्रोजेक्ट शुरू हो रहा है जिससे पराली से बायो-एविएशन फ्यूल, इथेनॉल और बायो-विटामिन बनाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के शुरू होने से प्रदूषण से राहत तो मिलेगी ही साथ में किसानों को अतिरिक्त आय कमाने का भी मौका मिलेगा। इस प्रोजेक्ट के अनुसार, किसानों से एक टन पराली 2 हजार 500 रुपये में खरीदी जाएगी जिससे किसानों को काफी लाभ होगा।
पांच साल में दिल्ली होगा प्रदूषण मुक्त
दिल्ली को आने वाले पांच सालों में प्रदूषण मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार ने इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करने और स्वच्छ ईंधन पर काम करना शुरू कर दिया है। नितिन गडकरी ने कहा कि उनकी सरकार 2025 के अंत तक दिल्ली का ट्रैफिक और प्रदूषण मुक्त बनाने की ओर कदम उठाए जाएंगे। दिल्ली का प्रदूषण स्वास्थ्य के साथ आर्थिक और सामाजिक समस्याओं को भी बढ़ा रहा है। प्रदूषण से संक्रमण, जीवन की गुणवत्ता और श्वसन रोग को बढ़ावा मिलता है। जिससे छुटकारा पाना अनिवार्य है।