Robert Vadra News: प्रियंका गांधी के पति पैदल पहुंचे ED दफ्तर, बोले- मुझे चुप कराने की कोशिश करते हैं, यह पॉलिटिकल वेंडेटा है

eHindi Times, New Delhi: प्रवर्तन निदेशालय(Directorate of Enforcement) के द्वारा रॉबर्ट वाड्रा को समन भेजा गया है। यह ईडी के द्वारा भेजा गया दूसरा समन है जिसे लेकर रॉबर्ट वाड्रा से पूछताछ जारी है। 15 अप्रैल 2025 को रॉबर्ट वाड्रा को पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर में प्रस्तुत होने के आदेश मिले है। 2018 से चल रहे इस मामले में पेश होने के लिए प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने घर से ईडी दफ्तर तक का सफर पैदल चलकर तय किया है।
रॉबर्ट वाड्रा पर इल्जाम है कि उन्होंने डीएलएफ और स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी के बीच में स्थित 3.5 एकड़ जमीन के ट्रांसफर में नियमों का उल्लंघन करके धोखाधड़ी की है। यह मामला 2018 से चल रहा है जिससे जुड़ा पहला समन रॉबर्ट वाड्रा को 8 अप्रैल के दिन जारी हुआ था परंतु रॉबर्ट ने इस समन में दिये आदेश का पालन नहीं किया और ईडी ऑफिस में पेश नहीं हुए।
ED Summon Robert Vadra
15 अप्रैल 2025 के दिन रॉबर्ट वाड्रा को ईडी के दफ्तर बुलाया गया है जिस कारण ईडी दफ्तर से लेकर रॉबर्ट और प्रियंका गांधी के घर तक हलचल रही। इस मामले को लेकर पुलिस भी पूरी चौकन्ना है और सुरक्षा पूरी तरह से टाइट है।
ईडी ऑफिस में जाने से पहले रॉबर्ट वाड्रा ने कहा- "जब भी मैं लोगों के लिए बोलता हूं तो ये एजेंसियों का इस्तेमाल करके मुझे चुप कराने की कोशिश करते हैं। यह पॉलिटिकल वेंडेटा है। जितने भी सवाल पूछेंगे, उसका मैं जवाब देता रहूंगा।"
किसने किया केस? क्या है मामले की जड़?
रॉबर्ट वाड्रा स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी कंपनी के मालिक है। यह पूरा केस इस कंपनी से जुड़ा हुआ है। सुरेंद्र शर्मा के द्वारा इस केस दर्ज करवाया गया है जो कि तौरू के रहने वाले है। सुरेंद्र शर्मा ने 1 सितंबर 2018 को खेरकी दौला, गुड़गांव के थाने में यह केस दर्ज करवाया था। मामला आईपीसी की धारा 420, 471, 467, 120 और 468 के तहत दर्ज किया गया था।
इस मामले में आईपीसी की धारा 423 के तहत कुछ नए आरोप भी शामिल किए गए थे। इसमें सुरेंद्र शर्मा ने स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी पर आरोप लगाया है कि रॉबर्ट वाड्रा ने कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर धोखाधड़ी की है। भुपेंद्र सिंह हुड्डा जो हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके है, को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है।
आरोप क्या है?
सुरेंद्र शर्मा जो कि तौरू के निवासी है, का यह आरोप है कि रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने गुड़गांव के शिकोहपुर में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से फरवरी 2008 में 3.5 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी थी। जैसे ही कमर्शियल लाइसेंस मिला तो उसी कंपनी को 58 करोड़ रुपये में डीएलएफ को बेच दिया था। रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी पर इस मामले में ईडी के द्वारा वित्तीय अनियमितताओं की जांच चल रही है।