किसानों के लिए नई खेती की तकनीक, मुनाफा होगा कई गुना

eHindi Times, Haryana Desk: हरियाणा के किसान कल्याण एवं कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा द्वारा किसानों को खेती की नई तकनीक समझाने की तैयारी जा रही है। श्याम सिंह राणा ने सरकारी अधिकारी के लिए निर्देश जारी किए है कि नई तकनीक के लिए जिस भी सुविधा की जरूरत हो वह किसानों को प्रदान की जाए और खेती के विषय में अच्छे से समझाया जाए।
किस तकनीक का होगा प्रयोग
कृषि मंत्री द्वारा किसानों को वर्टिकल बागवानी सिखाने की पहल शुरू की जाएगी। इस तकनीक के अनुसार एक ही जमीन पर ऊंचाई में अलग-अलग स्तर बनाकर अनेक बार या फिर अलग-अलग फसलों की खेती की जा सकती है। इस तकनीक का नाम वर्टिकल बागवानी रखा गया है। सरकार द्वारा बताई इस नई तकनीक इस्तेमाल से किसान एक समय में अनेक फसलों की खेती कर सकता है और अधिक मुनाफा कमा सकता है।
MIDH के तहत बनी एंजसी का की बैठक
श्याम सिंह राणा द्वारा हरियाणा राज्य बागवानी विकास एजेंसी की बैठक बुलाई गई जिसमें अनेक वरिष्ठ अधिकारी जैसे बागवानी विभाग के महानिदेशक श्री रणबीर सिंह, विभागाध्यक्ष डॉ. अर्जुन सैनी और अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजा शेखर हुंडरू मौजूद थे। एकीकृत बागवानी विकास मिशन(MIDH) के तहत बनाई इस एजेंसी की बैठक में वर्टिकल बागवानी के फैसले पर सहमति जताई गई।
किसान भी हुए बैठक में शामिल
बागवानी विकास एजेंसी की बैठक में मंत्रियों के साथ अनेक किसानों ने भी हिस्सा लिया और अपनी समस्याएं बताई। राणा सिंह ने निर्देश दिये कि किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाए जाएं।
किसानों को मिलेगी सब्सिडी
खेती की मदद से बेरोजगारी के स्तर को कम करने के लिए नरेंद्र मोदी और नायब सिंह सैनी लगातार काम कर रहे हैं। हरियाणा के दक्षिणी इलाकों में पानी की कमी को देखते हुए खजूर की खेती को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है।
खजूर की फसल को तैयार करने में न्यूनतम पानी की आवश्यकता होती है लेकिन यह फसल कुछ सालों के अंतराल में पहला फसल देती है। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार किसानों को एक हेक्टर खजूर की खेती पर 1.60 लाख रुपये की सब्सिडी देगी। यह सब्सिडी DBT के जरिये किसानों के बैंक खाते में जमा की जाएगी।
मशरूम की खेती की शुरुआत
सोनीपत में मशरूम क्लस्टर बनाकर इसकी खेती को बढ़ावा देने के प्रयास जारी है। यहां सफलता प्राप्त करने के बाद हरियाणा के अन्य जिलों में भी इस खेती की शुरुआत के लिए किसानों को प्रेरित किया जाएगा। इसके अलावा अनेक क्षेत्रों में 400 से अधिक फल और सब्जियों के क्लस्टर बनाने की जगह को चुना गया है। इसे बढ़ावा देने के लिए सरकार किसान को अनुदान देगी।
ग्राम पंचायत करेगी सहायता
बजट का सही इस्तेमाल करने के लिए सरकार ग्राम पंचायतों से सहायता लेगी। पंचायती जमीन पर फलदार पौधे लगाकर, बाग लगाकर, मधुमक्खी पालन लगाने के प्लान जारी किए जा रहे हैं। इसके अलावा पुराने बागों की देखभाल और बागवानी मशीनरी के उपयोग में कृषि बजट का इस्तेमाल किया जाएगा।